दर्द
दर्द जीवन दर्द का एक नाटक है और ख़ुशी तो दृश्य है एक छोटा सा जो कभी कभी आता है ठीक से देख नहीं भी पाते और दृश्य बदल जाता है जीवन अगर लेखा जोखा है अपने ही कर्मों का, तो किस से हम करें शिकायत कि हम जीते हैं दिल में दर्द को ले कर. पैदा भी तू हुआ है मानव दर्द किसी को दे कर !!💌